परमश्रद्धेय स्वामी पेजावर श्री स्वामी विश्वेश तीर्थ जी का वैकुण्ठलीन होना हम सब के लिए बहुत बड़ी हानि है। दैवी संपदायुक्त, देश और धर्म की चिंता में नित्य प्रयासरत, उनका सौम्य, शांत, प्रसन्न व शीतल व्यक्तित्व हम सभी कार्यकर्ताओं के लिए बहुत बड़ा आधार था। उनका स्पष्ट व स्नेहिल परामर्श कितनी ही कठिन समस्याओं को…
Read Moreपू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि वैचारिक एवं सामाजिक नेतृत्व तैयार करने के लिए सभी अपने संगठनों में अनुशासित, धैर्यवान, सक्षम एवं स्वावलंबी कार्यकर्ताओं को जोडें. अपने कार्यों का विस्तार ग्रामीण स्तर तक करें ताकि आने वाले समय में हम सामाजिक चुनौतियों एवं कुरीतियों का सामना करने में सक्षम और स्वावलंबी बन…
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